Bhaarat Sharma:
” स्वास्थ्य और बीमारी “
हर व्यक्ति अपने जीवन मे कभी ना कभी बीमार अवश्य पड़ता है , कुछ लोग कठिन बीमारी झेलते है तो कुछ सामान्य बीमारी ।
रोग का मुख्य भाव 6 होता है ।
जब 6 भाव का उपस्वामी ग्रह 1 भाव का सूचक हो तो व्यक्ति को अन्य लोगो के मुकाबले बीमारियों का सामना अधिक मात्रा में करना पड़ता है या कोई ना कोई छोटी मोटी बीमारी लगी रहती है ।
कौनसी बीमारी हो सकती है ?
इसके लिए एक नजर लग्न कुंडली पर भी डाले , 6 भाव का राशिस्वामी किस भाव मे विराजमान है ? जिस भाव मे होगा तो वह भाव जिन अंगों का प्रतिनिधि है उस अंग में बीमारी होगी जैसे 6 भाव का स्वामी 4 थे भाव में हो तो छाती में / हृदय रोग की बीमारी होगी , 5 वे भाव में हो तो पेट मे पीड़ा होगी या पेट सम्बन्धी रोग होंगे , 12 वे भाव में हो तो पैर में तकलीफ होगी / आंख में तकलीफ होगी आदि । ( भारत शर्मा 9826096393)
बीमार कब होंगे ?
जब दशा या भुक्ति या अन्तरास्वामी 6 का सूचक हो और गोचर में ऐसे ग्रह के नक्षत्र में हो जो 1 का सूचक हो तब बीमार होंगे ।
अब माना कि किसी को शनि की दशा या राहू की दशा चल रही है तो ये तो किसी भी ग्रह के नक्षत्र में गोचर में लंबे समय तक रहते है तो क्या तब तक व्यक्ति बीमार ही रहेगा ?
इसका जवाब गोचर में शनि / राहू का उपस्वामी देगा यदि वह 5 ( 6 का हानि भाव) का सूचक ग्रह हुआ तो जातक को बीमार होने से रोकेगा ।