बीमारी कैसी और किस अंग में ?

यदि 6 भाव का उपस्वामी 1 भाव का सूचक हो तो – सिर में तथा सामान्य शारीरिक कमजोरी भी रहेगी ।
2 भाव का सूचक हो –
नेत्र / मुँह ।
दाहिना नेत्र – सूर्य , बायां नेत्र – चन्द्र ( स्त्री जातक के मामले में सूर्य , चन्द्र को उल्टा करें )
कान का बाहरी हिस्सा – कारक बुध ।
नाक – कारक – मंगल या बुध ।
वाणी दोष – कारक बुध , राहू / केतू मूक राशि मे होने पर बोल ना पाना ।
3 रा भाव – गला , कान का अंदरूनी भाग , दाँत , जीभ ।
3 , 11 भावों का सूचक हो तब –
कन्धे से सम्बंधित समस्या , फेफड़े ।
4 भाव – छाती , हृदय में पीड़ा ।
5 वां भाव – पेट , आमाशय , गर्भ में पीड़ा , लिवर का बाहरी हिस्सा , डाइजेशन सिस्टम खराब होना ।
6 भाव – पेट का अंदरूनी भाग , आँतों में पीड़ा ।
7 भाव – किडनी , सेक्सुअल अंग का बाहरी भाग ।
8 वां भाव – सेक्सुअल अंग का अंदरूनी भाग , बड़ी आँत में समस्या , पाइल्स ।
9 वां भाव – जांघो में दर्द , हिप्स में समस्या ।
10 वां भाव – घुटने और हृदय में समस्या ।
11 वां भाव – घुटने का अंदरूनी भाग , कान , कन्धे , पिंडलियों में दर्द ।
12 वां भाव – पैर के पंजो में समस्या , तलवे की हड्डी का बढ़ना , आंख ।

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