🌹अंक शास्त्र एवं नक्षत्र के आधार पर चोरी गया सामान ज्ञात करने की विधि🌹
कोई भी सामान खोना/चोरी होना आज के समय मे सामान्य बात है। अंक विद्या में गुम हुई वस्तु के बारे में प्रश्र किया जाए तो उसका जवाब बहुत हद तक सच साबित होता है।*
जैसे, सर्व प्रथम आप १ से १०८ के बीच का एक अंक मन मे सोचे और उस अंक को ९ से भाग दें। शेष जो अंक आये तो आगे लिखे अनुसार उसका उत्तर होगा….
1️⃣शेष अंक १ ( सूर्य का अंक है )
पूर्व में मिलने की आशा है।
2️⃣शेष अंक २ ( चंद्रमा का अंक है )
वस्तु किसी स्त्री के पास होने की आशा है पर वापस नहीं
मिलेगी।
3️⃣शेष अंक ३ ( बृहस्पति का अंक है )
वस्तु वापस मिल जायेगी। मित्रों और परिवार के लोगों से पूछें।
4️⃣शेष अंक ४ ( राहु का अंक है )
ढूढ़ने का प्रयास व्यर्थ है। वस्तु आप की लापरवाही/असावधानी से खोई है।
5️⃣शेष अंक ५ ( बुध का अंक है )
आप धैर्य रखें, वस्तु वापस मिलने की आशा है।
6️⃣शेष अंक ६ ( शुक्र का अंक है )
वस्तु आप किसी को देकर भूल गए हैं। घर के दक्षिण पूर्व या रसोई घर में ढूंढने की कोशिश करें।
7️⃣शेष अंक ७ ( केतु का अंक है )
चिंता न करें खोई वस्तु मिल जायेगी।
8️⃣शेष अंक ८ ( शनिश्चर का अंक है )
खोई वस्तु मिलने की आशा नहीं है। वस्तु को भूल जाएँ तो अच्छा है।
9️⃣शेष अंक ९ या ० ( मंगल का अंक है )
यदि खोई वस्तु आज मिल गई तो ठीक अन्यथा मिलने की कोई आशा नहीं है।
उदाहरण के लिए अगर प्रश्नकर्ता ने ८३ अंक कहा है तो ८३ को ९ से भाग दें….
८३ ÷ ९ = २
●शेष आया २ जो चन्द्रमा का अंक है।
अतः वस्तु किसी स्त्री के पास है पर वापस प्राप्त नही होगी
*नक्षत्र के आधार पर जानिए खोये सामान की जानकारी मिलेगी अथवा नहीं मिलेगी?
*इसके लिए सभी नक्षत्रों को चार बराबर भागों में बाँट दिया गया है। एक भाग में सात नक्षत्र आते हैं उन्हें अंध, मंद, मध्य तथा सुलोचन नाम दिया गया है। इन नक्षत्रों के अनुसार चोरी की वस्तु की दिशा का ज्ञान तथा फल ज्ञान के विषय में जो जानकारी प्राप्त होती है वह एकदम सटीक होती है….*
नक्षत्रों का लोचन ज्ञान –
🚩1. अंध लोचन नक्षत्र – रेवती, रोहिणी, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, विशाखा, पूर्वाषाढा़, धनिष्ठा
🚩2. मंद लोचन नक्षत्र – अश्विनी, मृगशिरा, अश्लेषा, हस्त, अनुराधा, उत्तराषाढा़, शतभिषा
🚩3. मध्य लोचन नक्षत्र – भरणी, आर्द्रा, मघा, चित्रा, ज्येष्ठा, अभिजित, पूर्वाभाद्रपद
🚩4. सुलोचन नक्षत्र नक्षत्र – कृत्तिका, पुनर्वस, पूर्वाफाल्गुनी, स्वाती, मूल, श्रवण, उत्तराभाद्रपद
1️⃣यदि वस्तु अंध लोचन में खोई है तो वह पूर्व दिशा में शीघ्र मिल जाती है।
2️⃣यदि वस्तु मंद लोचन में गायब हुई है तो वह दक्षिण दिशा में होती है और गायब होने के 3-4 दिन बाद कष्ट से मिलती है।
3️⃣यदि वस्तु मध्य लोचन में खोई है तो वह पश्चिम दिशा की ओर होती है और गायब होने के एक माह बाद उस वस्तु की जानकारी मिलती है। ढा़ई माह बाद उस वस्तु के मिलने की संभावना बनती है।
4️⃣यदि वस्तु सुलोचन नक्षत्र में गायब हुई है तो वह उत्तर दिशा की ओर होती है और वस्तु के मिलने की सम्भावना कम ही होती है।
*गायब/खोई वस्तु के शीघ्र प्राप्ति हेतु दिव्य मंत्र –
*जीवन में भूलना, गायब होना, चले जाना, बलात ले लेना अथवा लेने के बाद कोई भी वस्तु वापस नहीं मिलना ऐसी घटनाएं स्वाभाविक रूप से घटित होती रहती है।*
यदि आप का कोई भी सामान गायब हो गया है या मिल नही रहा है तो अपने पूजागृह मे एक देशी घी का दीपक जलाकर पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें। अपनी खोई हुई वस्तु की कामना को उच्चारण करके भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्रधारी रूप का ध्यान करें इस मंत्र का विश्वासपूर्वक जप 1008 बार करें। इससे गायब हुई वस्तु एवं अपना फँसा धन प्राप्त होने की सम्भावना प्रबल हो जाती हैl
🚩मंत्र – ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।